कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिम, स्पा, नाइट क्लब, साप्ताहिक बाजार सभी बंद कर दिए गए हैं। लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से मना किया गया है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार के साथ-साथ लोग भी जागरूक हो गए हैं। आजकल अधिकतर लोग इस संक्रमण से बचने के लिए आइसोलेशन __ में जा रहे हैं। आइसोलेशन का अर्थ है कि कुछ समय के लिए लगातार एक ही स्थान पर रहना। अगर ध्यान से देखा जाए तो आइसोलेशन की स्थिति केवल कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ही नहीं, बल्कि जीवन में असफलता और तनाव से बचने के लिए भी जरूरी है। आपाधापी के जीवन में नाकामी. रिश्तों में खटास. ब्रेक अप जैसी घटनाएं व्यक्ति को अंदर तक तोड़ देती हैं। कई लोग इन घटनाओं से उबर जाते हैं तो कुछ लोग मानसिक संक्रमण का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनका जीवन प्रभावित हो जाता है। कई तो जीवन से ही हाथ धो बैठते हैंआइसोलेशन का आध्यात्मिक अर्थ हम एकांत से लगा सकते हैं। एकांत एक सकारात्मक भाव होता है जो व्यक्तियों के अवचेतन मन को जागृत कर उनके सर्वश्रेष्ठ कृत्य को बाहर लाने में सहायक सिद्ध होता है। प्रसिद्ध लेखक, गायक और प्रेरक वक्ता विली जॉली वर्ष 1989 में एक न्यूज़रूम कैफे में अपना कार्यक्रम पेश करते थे। एक दिन उनका कार्यक्रम बहत अच्छा हआ। क्लब मालिक ने उन्हें बुलाया तो विली बहुत खुश थे। उन्हें पूरा यकीन था कि आज मालिक न केवल उनके अनुबंध की अवधि बढ़ा देगा, बल्कि उनकी तनख्खाह भी बढ़ा देगा। मालिक बोले, 'तुम्हारा आज का कार्यक्रम बहुत लाजवाब रहा। तुम्हें हाल ही में सर्वश्रेष्ठ गायक और सर्वश्रेष्ठ संगीत प्रस्तुति के पुरस्कार भी मिले हैं। लेकिन हमने कम्पनी की लागत कम करने के लिए हमने कर्मचारियों की छंटनी करने का निर्णय लिया है। तुम्हारी जगह हम कराओके मशीन लाएंगे। बहुत क्लबों में आजकल उस का चलन है।' यह सुनकर विली जॉली धम्म से माथा पकड़ कर सीट पर बैठ गए। उन्होंने मालिक के सामने बहुत हाथ-पैर जोड़े लेकिन उनकी एक न सुनी गई। घर लौटकर वे कुछ दिनों तक अकेले रहे। वे तनावग्रस्त थे लेकिन फिर भी उन्होंने एकांत में रहकर निर्णय लिया कि उन्हें अपने अवसर खुद बनाने होंगे। लगभग एक सप्ताह तक वे अकेले यानी आइसोलेशन की स्थिति में रहे। जब वे वहां से बाहर आए तो उनकी ऊर्जा, एकाग्रता और कार्य करने की शक्ति देखते ही बनती थी। उन्होंने अवसर उत्पन्न करने के सिद्धांत को आत्मसात कर लिया। वे अपने मार्ग पर बढ़ते गए। उन्होंने अपनी मेहनत से एक स्कूल में बच्चों को प्रेरक भाषण देने का कार्य किया। उनके प्रेरणादायक भाषण को सुनकर उन्हें अनेक जगहों पर बुलाया जाने लगा। एक दिन स्वयं लेस ब्राउन ने उन्हें अपने साथ कार्यक्रम करने के लिए आमंत्रित किया और विली जॉली का जीवन बदल गया। आज विली जॉली स्वयं इतने सुप्रसिद्ध हैं कि उन्हें किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने क्लब मालिक के साथ- साथ आइसोलेशन में जाने की स्थिति को भी देते हैं। जब इनसान एकांत में होता है तो वह गंभीरता से अपने गुणों और कमियों को जान लेता है। आजकल के व्यस्त जीवन में व्यक्ति जब एक बार रोजगार प्राप्त कर लेता है तो उसे यह भी ध्यान नहीं रहता कि विद्यार्थी जीवन में कभी उसके शौक चित्रकला अथवा संगीत भी हुआ करते थे। लगातार काम की धुन में खाली स्पेस न मिल पाने से व्यक्ति चिड़चिड़े हो जाते हैं। इस चिड़चिड़ेपन और तनाव में उनकी कार्यक्षमता भी कम हो जाती है और वे जीवन भर संघर्ष ही करते रह जाते हैं। विली जॉली अपनी प्रसिद्ध पुस्तक, 'ए सेटबैक इज ए सेटअप फॉर ए कमबैक' में कहते हैं कि, 'अपने घावों को सितारों में बदला जा सकता है और अपने दर्द को अपनी शक्ति में बदला जा सकता है।' बस जब आप संकट अथवा दर्द में हों तो कुछ समय के लिए सब कुछ भूलकर आइसोलेशन की स्थिति में चले जाएं। आइसोलेशन की स्थिति में आप अपने पास फोन, पुस्तकें, परिवार का प्रेम आदि सब कुछ साथ रख सकते हैं, बस उस समय आपको अपनी समस्याओं को दूर रखना है। समस्याओं को दूर रखकर स्वस्थ मन से चिंतन करना है। चिंता और चिंतन को लिखने में बहुत कम अंतर है, लेकिन इन दोनों के अर्थ में बहुत अधिक अंतर है। चिंता जहां व्यक्ति को आकुल-व्याकुल, हैरान-परेशान करती है, वहीं चिंतन व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाता है। चिंतन करते समय व्यक्ति अपने सर्वश्रेष्ठ को पा लेता है। रॉबर्ट हिल्येर कहते हैं कि, 'यदि आप अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं तो आपके पास असफलता की चिंता करने का समय ही नहीं रहेगा।' जिस तरह कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बार-बार साबुन से हाथ धोने जरूरी हैं, उसी तरह चिंता, तनाव और संकट से बचने के लिए भी चिंतन करना जरूरी है। यह चिंतन आइसोलेशन की स्थिति ही है। तो आज से समस्याओं और संकट के समय आइसोलेशन में जाइए और इनसे मुक्त होकर बाहर आइए। आप स्वयं को बेहद हल्का और चिंतामुक्त महसूस करेंगे। असफलता-तनाव में भी कारगर एकांतवास